अगर बनना है कामयाब, तो अपनी पर्सनालिटी को इन तरीकों से करें डेवलप

कम्युनिकेशन स्किल को इम्प्रूव करें - आप लोगों से किस तरह बात करते हैं यह आपकी पर्सनालिटी पर बहुत फर्क डालता है। इसलिए आपको यह ध्यान रखनी है के आप किसी से कैसे बात करते है।  

अच्छे श्रोता बनें - ध्‍यान रखें कि आप बोलने से पहले अपने सुनने की क्षमता को भी विकसित करें। आप जितने ध्यान से सामने वाले की बात को सुनेंगे आपकी बात को भी सामने वाला उतना ही सुनेगा। 

अपने बॉडी लैंग्वेज को  भी इम्प्रूव करें - सबसे पहले आप अपने बैठने के तरीके को सुधारें। जब भी आप किसी के सामने बैठे तो ऐसे बैठें के सामने वाले को देखकर ऐसा न लगे के आप अपने घर में बैठे हैं। बैठने के तरीके को प्रोफेशनल रखें। 

ऐटिटूड सिंपल रखें - जब भी आप किसी के सामने खड़े होकर बात करें तो ऐसे खड़े न हो जिससे लगे कि आपमें बहुत ज्यादा ऐटिटूड है। पॉकेट में हाथ डालकर या वैसे ही मिलते-जुलते तरीकों के साथ बिल्‍कुल न खड़े हों। 

ड्रेसिंग सेंस को सुधारें - पर्सनालिटी में ड्रेसिंग सेंस महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाता है, अगर कोई व्‍यक्ति आप से बात न भी कर रहा है, तब भी वह ड्रेसिंग सेंस को देखकर आपके बारे में काफी कुछ बता सकता है। इसलिए ध्यान रखें कि किसी भी ऑफिसि‍यल मीटिंग में या प्रोफेशनल जगह साफ- सुथरे कपड़े पहन कर जाएं। 

अपने लुक्स पर भी ध्यान दें - अपने आप और अपने लुक्स का पूरा ध्‍यान रखें। लुक्स में आपके रंग से फर्क नहीं पड़ता, लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखना आपके पर्सनालिटी के लिए अच्छा रहेगा। 

साफ सुथरे रहें - जब भी बाहर जाएं अपने बालों को अच्छे से कंघी करके जाएं। नेल्स को हमेशा साफ़ रखें, कभी भी अच्‍छा दिखने के लिए बहुत ज्यादा मेकअप न करें। अपने फुटवियर को भी ऐसा रखें जो आपके ड्रेस से मैच करे। साथ ही अपने आप को ग्रूम करके रखें। 

लोगों के साथ व्यवहार को  अच्छा रखें - किसी दूसरे व्‍यक्ति के साथ किया गया आपको व्‍यवहार आपकी अंदर के पर्सनालिटी को दिखाता है। इसलिए ध्यान रखें कि सबसे सम्मानपूर्वक बात करें, चाहे वो आपसे छोटा हो या बड़ा या फिर अमीर हो या गरीब आपका व्‍यवहार सबके प्रति एक जैसा होना चाहिए। 

मिलनसार रहें - आप जब भी किसी से मिले तो उसे नमस्कार करने के साथ स्माइल करना न भूलें। वहीं अगर आपको ऐसा लगता है कि सामने वाला कुछ गलत कह रहा है तो उसे आराम से समझाएं न की उसपे चिल्लाएं। लोगों के साथ हर बात पे बहस न करें। सुने, समझे और फिर लगे कि कोई बात गलत है तो ही बोलें। 

अपने कॉन्फिडेंस को बढ़ाएं - अगर आपको लगता है कि आपका कॉन्फिडेंस कमजोर है तो सबसे पहले अपनी ताकत और कमजोरियों को पहचानें। आपको जब अपनी ताकत का पता होगा तो आप उसका इस्तेमाल करके अपना आत्मविश्वास बढ़ा सकते हैं और अपने कमजोरियों को भी दूर कर सकते हैं। 

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