क्या है IELTS एग्जाम - आपकी इंग्लिश कितनी अच्छी है ये पता लगाने के लिए इंटरनेशनल इंग्लिश लैंग्वेज टेस्टिंग सिस्टम यानी IELTS नाम का टेस्ट होता है। इस टेस्ट का रिजल्ट पास या फेल नहीं होता, बल्कि आपकी इंग्लिश को 0 से 9 के बीच में रेटिंग दी जाती है। इसी के आधार पर कई यूनिवर्सिटी एडमिशन देती हैं और कंपनियां नौकरी।
4 आधार पर परखा जाता है - इस टेस्ट में नंबर आपका इंग्लिश का ज्ञान 4 आधार पर परखा जाता है - पढ़ने, लिखने, बोलने और सुनने। पढ़ने यानी रीडिंग वाले सेक्शन में 3 अलग-अलग टेक्स्ट पढ़ने होते हैं। हर एक सेक्शन के लिए 60-60 मिनट का वक्त दिया जाता है। इसी दौरान पूरे सवालों के जवाब देने होते हैं।
समय का सही उपयोग - आंसर शीट अच्छे से भरें, उसी में हर जवाब दें। कई लोग सवालों वाली शीट में जवाब लिखते हैं और फिर उसे ट्रांसफर करने का वक्त नहीं होता, ऐसे में नंबर जोड़े नहीं जाते।
अंत में करें कठिन सवाल - कठिन सवालों को अंत के लिए छोड़ दें, शुरुआत में उनपर वक्त बर्बाद ना करें। अंत में उनका जवाब ढूंढने की कोशिश करें, नहीं तो जो सवाल जो आपसे बनते हैं, वो भी आप छोड़ने को मजबूर हो जाएंगे।
सवाल पढ़ने के बाद टेक्स्ट पढ़ें - पहले सवाल या टास्क देख लें, फिर दिए गए टेक्स्ट को पढ़ना शुरू करें। याद रखें आपको टेक्स्ट में से उन सवालों के जवाब तलाशने हैं, तो पढ़ते वक्त इनका ध्यान रखें और जवाब ढूंढते रहें।
टास्क को ध्यान से पढ़ें - किसी भी टास्क को करने से पहले निर्देशों और उदाहरणों को अच्छे से पढ़ लें। ज्यादातर टास्क आपको प्रैक्टिस पेपर सॉल्व करने से समझ आ जाएंगे
पढ़ने में स्कैनिंग वाला तरीका मदद करेगा - स्कैनिंग की मदद से की वर्ड्स और संख्या खोजने में आसानी होती है। इन्हीं की-वर्ड्स की मदद से आप किसी भी सवाल या टास्क के मुताबिक आसानी से गहराई में जा सकते हैं।
नए शब्दों से घबराएं नहीं - परीक्षा देते वक्त आपके सामने कई सारे नए शब्द आ सकते हैं। ऐसे में घबराएं नहीं, क्योंकि यहां आपकी शब्दावली यानी वॉकेबुलरी का टेस्ट नहीं लिया जा रहा है।
वाक्य पर ध्यान दें - प्रैक्टिस टेस्ट सॉल्व करते वक्त कोई वाक्य क्या कह रहा है उसपर ध्यान दें, ना कि हर शब्द के अर्थ पर। बाद में वक्त मिले तो उन शब्दों के अर्थ देख लें, लेकिन कोशिश करें कि प्रैक्टिस टेस्ट के बीच उसका मतलब ना देखें।
पढ़ने की स्पीड बढ़ाएं - ये करने का केवल एक तरीका है ज्यादा से ज्यादा पढ़ना। जितना ज्यादा आप पढ़ेंगे, पढ़ने में उतने तेज होते जाएंगे। प्रैक्टिस टेस्ट देते वक्त टेक्स्ट पढ़कर सवालों का जवाब दें। इस दौरान अपनी प्रोग्रेस का भी ध्यान रखें, कि वक्त साथ आप आगे बढ़ रहे हैं या नहीं।