NCERT Solutions for Class 11 Hindi Antra Chapter 12: NCERT class 11 solutions chapter 12 Hasi ki chot Sapna Darbar is written in a very simple manner. You should be seeking answers to the lesson’s questions once you’ve finished studying it. In this section, you will find all of the NCERT Solutions For Class 11 Hindi Antra Chapter 12 in one convenient location.
NCERT Solutions for Class 11 Hindi Antra Chapter 12 PDF
NCERT Solutions for Class 11 Hindi Antra Ch 12
.pdfobject-container { height: 500px;}
.pdfobject { border: 1px solid #666; }
PDFObject.embed(“https://www.kopykitab.com/blog/wp-content/uploads/2021/07/12.pdf”, “#example1”);
Students will have little trouble grasping the ideas. Students may quickly understand and clarify all of their questions in a practical setting. You may download the NCERT Solutions for Class 11 Hindi Antra in PDF format to better grasp the solutions and improve your economic abilities. Both online and offline versions of the PDF are accessible.
Download NCERT Solutions Class 11 Hindi Antra Chapter 12 Free PDF:
NCERT Solutions Class 11 Hindi Antra Chapter 12
Lord Krishna urges Gopi to swing along in his dream in Sapna, and this occurrence wakes him up. This section of the poem depicts a heartbreaking depiction of unintentional separation. NCERT answers for class 11 aid students in strengthening their preparation, allowing them to achieve the maximum possible scores in the final examinations. These solutions strictly follow the CBSE’s most recent rules and curriculum. NCERT answers for class 11 aid students in strengthening their preparation, allowing them to achieve the maximum possible scores in the final examinations.
NCERT answers for class 11 Hindi Antra chapter 12 include a variety of instructive examples to aid students in understanding and learning. The examples above are from the CBSE syllabus for class 11.
Access NCERT Solution For Class 11 Hindi Antra Chapter 12
1.’हँसी की चोट’ सवैये में कवि ने किन पंच तत्त्वों का वर्णन किया है तथा वियोग में वे किस प्रकार विदा होते हैं?
2.’हँसी की चोट’ सवैये की अंतिम पंक्ति में यमक और अनुप्रास का प्रयोग करके कवि क्या मर्म अभिव्यंजित करना चाहता है?
3.नायिका सपने में क्यों प्रसन्न थी और वह सपना कैसे टूट गया?
4.’सपना’ कवित्त का भाव-सौंदर्य लिखिए।
अनुप्रास तथा पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार के प्रयोग को देखकर ‘सपना’ कवित्त में कवि के शिल्प सौंदर्य की अद्भुत क्षमता का पता चलता है। इसने कवित्त के भाव सौंदर्य को निखारने में सोने पर सुहागा जैसा काम किया है।
5.’दरबार’ सवैये में किस प्रकार के वातावरण का वर्णन किया गया है?
6.दरबार में गुणग्राहकता और कला की परख को किस प्रकार अनदेखा किया जाता है?
7.आशय स्पष्ट कीजिए-
(क) हेरि हियो चु लियो हरि जू हरि।
(ख) सोए गए भाग मेरे जानि वा जगन में।
(ग) वेई छाई बूँदैं मेरे आँसु ह्वै दृगन में।
(घ) साहिब अंध, मसाहिब मूक, सभा बाहिरी।
(ख) गोपी कृष्ण से मिलन का सपना देख रही थी। कृष्ण ने उसे अपने साथ झूला झूलने का निमंत्रण दिया था, वह इससे प्रसन्न थी। कृष्ण के साथ जाने के लिए वह उठने ही वाली थी कि उसकी नींद टूट गई। इस विषय पर वह कहती है कि उसका जागना उसके भाग्य को सुला गया। अर्थात उसके नींद से जागने के कारण कृष्ण का साथ छूट गया। यह जागना उसके लिए दुर्भाग्य के समान है।
(ग) प्रस्तुत पंक्ति में बादल द्वारा बरसाई बूँदें आँखों से आँसू रूप में गिर रही हैं। भाव यह है कि आकाश में बादल छाए हैं और रिमझिम बूँदें पड़ रही हैं।
(घ) प्रस्तुत पंक्ति में देव दरबारी वातावरण का वर्णन कर रहे हैं। वह कहते हैं कि दरबार का राजा अँधा हो गया है। दरबारी गूँगे तथा बहरे हो गए हैं। वे भोग-विलास में इतना लिप्त हैं कि उन्हें कुछ भी सुनाई दिखाई नहीं देता है। अतः वे बोलने में भी असमर्थ हैं।
8.देव ने दरबारी चाटुकारिता और दंभपूर्ण वातावरण पर किस प्रकार व्यंग्य किया है?
9.निम्नलिखित पद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या करिए-
(क) साँसनि ही ………… तनुता करि।
(ख) झहरि ……………. गगन में।
(ग) साहिब अंध ………….. बाच्यो।
व्याख्या- गोपी कहती है कि कृष्ण की उपेक्षित द़ृष्टि के कारण उसकी दशा बहुत खराब है। वह विरह की अग्नि में जल रही है। विरह में तेज़-तेज़ साँसें छोड़ने से वायु तत्व चला गया है। अत्यधिक रोने से जल तत्व आँसुओं के रूप में विदा हो गया है। तन में व्याप्त गर्मी के जाने से अग्नि तत्व समाप्त हो गया है और वियोग में कमज़ोर होने के कारण भूमि तत्व भी चला गया है।
व्याख्या- कवि कहता है कि वर्षा ऋतु के समय बारिश की बूँदे झर रही हैं। आकाश में काली घटाएँ छा गई हैं।
(ग) प्रसंग- प्रस्तुत पंक्ति देव द्वारा रचित रचना ‘दरबार’ से ली गई है। इसमें कवि राज दरबार में स्थित राजा और सभासदों के व्यवहार का वर्णन करता है।
व्याख्या- देव दरबार के दंभपूर्ण वातावरण का वर्णन करते हुए बताते हैं कि दरबार में राजा तथा लोग भोग-विलास में लिप्त रहते हैं। दरबारियों के साथ-साथ राजा भी अंधा है, जो कुछ देख नहीं पा रहा है। यही कारण है कि कला तथा सौंदर्य का उन्हें ज्ञान नहीं रह गया है। दरबारियों पर अहंकार इतना हावी है कि कोई किसी की बात सुनने या मानने को राज़ी नहीं है। भोग-विलास ने सबको अकर्मण्य बना दिया है।
10.देव के अलंकार प्रयोग और भाषा प्रयोग के कुछ उदाहरण पठित पदों से लिखिए।
(क) पहली रचना में वियोग से व्याकुल गोपी की दशा को दर्शाने के लिए अतिशयोक्ति अलंकार का प्रयोग किया है।
(ख) हरि शब्द की दो अलग रूपों में पुनः आवृत्ति के कारण यहाँ पर यमक अलंकार है।
(ग) झहरि-झहरि, घहरि-घहरि आदि में पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार है।
(घ) घहरि-घहरि घटा घेरी में अनुप्रास अलंकार का सुंदर प्रयोग है।
(ङ) ‘सोए गए भाग मेरे जानि व जगन में‘ विरोधाभास अलंकार का सुंदर उदाहरण है।
(च) मुसाहिब मूक, रंग रीझ, काहू कर्म, निबरे नट इत्यादि में अनुप्रास अलंकार का प्रयोग है।
11.’दरबार’ सवैये को भारतेंदु हरिश्चंद्र के नाटक ‘अंधेर नगरी’ के समकक्ष रखकर विवेचना कीजिए।
12.देव के समान भाषा प्रयोग करने वाले किसी अन्य कवि के पदों का संकलन कीजिए।
पदमाकर की रचनाएँ-
1. घूंघट की धूम के सुझूम के जवाहिर के
झिलमिल झालर की भूमि लौं झुलत जात
कहैं पदमाकर सुधाकर मुखी के हीर।
हारन मे तारन के तोम से तुलत जात
मंद मंद मैकल मतँग लौं चलेई भले
भुजन समेत भुज भूसन डुलत जात
घांघरे झकोरन चहूंधा खोर खोरन मे
खूब खसबोई के खजाने से खुलत जात
2. दाहन ते दूनी, तेज तिगुनी त्रिसूल हूं ते,
चिल्लिन ते चौगुनी, चालाक चक्रवाती मैं।
कहैं पद्माकर महीप, रघुनाथ राव,
ऐसी समसेर सेर शत्रुन पै छाली तैं।
पांच गुनी पब्ज तैं, पचीस गुनी पावक तैं,
प्रकट पचास गुनी, प्रलय प्रनाली तैं।
सत गुनी सेस तैं, सहसगुनी स्रापन तैं,
लाख गुनी लूक तैं, करोरगुनी काली तैं॥
Access Other Chapters of NCERT Solutions For Class 11 Hindi Antra
You can download the PDF of NCERT Solutions For Class 11 Hindi Antra other chapters:
- Chapter 1 – Idgah
- Chapter 2 – Dopeher Ka bhojan
- Chapter 3 – Torch Bechnewale
- Chapter 4 – Gunge
- Chapter 5 – Jyotiba Phule
- Chapter 6 – Khanabados
- Chapter 7 – Naye ki janm kundali: ek
- Chapter 8 – Uski Maa
- Chapter 9 – Bharatbarsh ki unnati kaise ho sakti hai?
- Chapter 10 Poem – Kabeer
- Chapter 11 Poem – Surdas
- Chapter 13 Poem – Padmakar
- Chapter 14 Poem – Sandhya Ke Baad
- Chapter 15 Poem – Jaag Tujhko Dur Jana Sab Ankho Ki Asu Ujle
- Chapter 16 Poem – Neend Uchat Jaati Hai
- Chapter 17 Poem – Badal Ko Ghirte Dekha Hai
- Chapter 18 Poem – Hastaksep
- Chapter 19 Poem – Ghar Me Waapsi
All the best to the students appearing for the Class 11th board exam. Here is the detailed blog of NCERT Solutions for Class 11 Hindi Antra Chapter 12. For further queries regarding the CBSE Class 11th exam, you can ask in the comment box.
FAQs on Class 11 Hindi Antra NCERT Solutions for Chapter 12
Is it possible to view Class 11 Hindi Antra NCERT Solutions for Chapter 12 while offline?
Yes, you may view Chapter 12 while you’re not connected to the internet.
What does it cost to obtain NCERT Solutions Class 11 Hindi Antra Chapter 12 PDF?
It is completely free.
Where can we get the PDF for NCERT Solutions Class 11 Hindi Antra Chapter 12?
It’s available for download at Kopykitab.
Are ncert solutions for class 11 Hindi Antra Chapter 12 sufficient for test preparation?
Yes, the information on Kopy Kitab about NCERT Solutions for class 11 Hindi Antra Chapter 12, which includes full study resources, is sufficient for students to prepare for and pass their examinations.
Which website provides the most up-to-date CBSE prescribed curriculum as well as books for great Hindi exam preparation materials for class 11?
For full preparation for class 11 Hindi examinations, KopyKitab gives the newest CBSE approved syllabus and materials. The study materials are always available in PDF format, which may be downloaded at any time.