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NCERT Solutions Class 11 Hindi Antra Chapter 4
NCERT Solutions for Class 11 Hindi Antra Ch 4
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NCERT Solutions Class 11 Hindi Antra Chapter 4
Antra Chapter 4 (Class 11) Gunge is a tale written by Rangy Raghav about a man with a speech impairment and how he works hard and refuses to beg. To get money, he made laddus, washed kitchenware, and washed clothing. Gunge is shown as a kind and compassionate character in this narrative.
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1.चमेली को गूँगे ने अपने बारे में क्या-क्या बताया और कैसे?
2.गूँगे की कर्कश काँय-काँय और अस्फुट ध्वनियों को सुनकर चमेली ने पहली बार क्या अनुभव किया?
गूँगे की कर्कश काँय-काँय और अस्फुट ध्वनियों को सुनकर चमेली ने पहली बार अनुभव किया कि यदि मनुष्य के गले के अंदर काकल ज़रा-सी भी ठीक न हो मनुष्य का अस्तित्व ही नहीं रहता है। उसके लिए यह यातना के समान है। वह कितना प्रयास करे, अपने दिल की बात किसी को बता नहीं पता है।
3.गूँगे ने अपने स्वाभिमानी होने का परिचय किस प्रकार दिया?
गूँगे ने संकेत के माध्यम से बताया कि वह स्वाभिमानी है। उसने अपने सीने पर हाथ रखकर संकेत किया कि उसने आज तक किसी के सम्मुख हाथ नहीं फैलाया है। उसने कभी भीख नहीं माँगी है। उसने अपनी भुजाओं को दिखाया और संकेत किया कि उसने मेहनत करके खाया है। उसने पेट बजाकर यह भी बताया कि उसने यह सब अपने पेट के लिए किया है।
4.’मनुष्य की करुणा की भावना उसके भीतर गूँगेपन की प्रतिच्छाया है।’ कहानी के इस कथन को वर्तमान सामाजिक परिवेश के संदर्भ में स्पष्ट कीजिए।
संवेदनशीलता मनुष्य का स्वभाविक गुण है। इसी के प्रभाव के कारण मनुष्य में दूसरों के प्रति करुणा और प्रेम का भाव उत्पन्न होता है। आज के समय में मनुष्य ने अपनी संवेदनशीलता के प्रति आँखें बंद कर ली हैं। वह भावना उसके मन में रहती है अवश्य परन्तु मूक अवस्था में। यदि कभी वह उसके मन से बाहर आ भी जाए, तो व्यवहार में उसे ला नहीं पाता है। इसलिए कवि ने कहा है कि मनुष्य की करुणा की भावना उसके भीतर गूँगेपन की प्रतिच्छाया के रूप में विद्यमान है।
5.’नाली का कीड़ा! ‘एक छत उठाकर सिर पर रख दी’ फिर भी मन नहीं भरा।’- चमेली का यह कथन किस संदर्भ में कहा गया है और इसके माध्यम से उसके किन मनोभावों का पता चलता है?
6.यदि बसंता गूँगा होता तो आपकी दृष्टि में चमेली का व्यवहार उसके प्रति कैसा होता?
7.’उसकी आँखों में पानी भरा था। जैसे उनमें एक शिकायत थी, पक्षपात के प्रति तिरस्कार था।’ क्यों?
8.’गूँगा दया या सहानुभूति नहीं, अधिकार चाहता था’- सिद्ध कीजिए।
9.’गूँगे’ कहानी पढ़कर आपके मन में कौन से भाव उत्पन्न होते हैं और क्यों?
10.’गूँगे’ में ममता है, अनुभूति है और है मनुष्यता – कहानी के आधार पर इस वाक्य की विवेचना कीजिए।
‘गूँगे’ में ममता है यही कारण है कि वह चमेली से प्यार करता है। उस पर गुस्सा करता है लेकिन उसका प्रतिकार नहीं करता। उसमें अनुभूति है, वह सब समझता है। वह कुछ सुन नहीं सकता है लेकिन मनुष्य की व्यवहारिक चेष्टाओं को समझ लेता है तथा मन के भावों को पढ़ सकता है। उसमें मनुष्यता है इसी कारण वह चमेली के पुत्र बसंता को मारता नहीं है। अपना हाथ रोक लेता है। यह उसकी मनुष्यता की पहचान है।
11.कहानी का शीर्षक ‘गूँगे’ है, जबकि कहानी में एक ही गूँगा पात्र है। इसके माध्यम से लेखक ने समाज की किस प्रवृत्ति की ओर संकेत किया है?
12.निम्नलिखित गद्यांशों की संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए-
(क) करुणा ने सबको ………………………………… जी जान से लड़ रहा हो।
(ख) वह लौटकर चूल्हे पर ………………………….. आदमी गुलाम हो जाता है।
(ग) और फिर कौन …………………………………… ज़िंदगी बिताए।
(घ) और ये गूँगे ………………………………………. क्योंकि वे असमर्थ हैं?
व्याख्या- वह लोगों को अपने विषय में बताने की भरसक कोशिश कर रहा है। उसे देखकर लोगों को उस पर दया हो आती है। वह इसके लिए बोलने का प्रयास करता है लेकिन अपने इस प्रयास में कामयाब नहीं हो पाता है। उसके मुँह से कान को चीरने वाली आवाज़ निकलती है। यह आवाज़ कौवे के स्वर जैसी कर्कश और काँय-काँय के अतिरिक्त कुछ नहीं होती। लेखक उसके बोलने के प्रयास में मुख से निकलने वाली आवाज़ को और भी स्पष्ट तरीके से बताता है। वह कहता है कि उसके मुख से अस्पष्ट ध्वनियाँ निकल रही हैं। ये ध्वनियाँ किसी को समझ नहीं आती हैं। ऐसा लगता है कि आदिम मानव बोलने का प्रयास कर रहा हो। लेखक कहता है कि मानो वह आदिम मानव अपने में उठने वाले विचारों को बताने के लिए भाषा का निर्माण करने के आरंभिक चरण में हो।
(ख) प्रसंग- प्रस्तुत पंक्तियाँ रांगेय राघव द्वारा लिखित रचना ‘गूँगे’ से ली गई है। चमेली इस पंक्ति में गूँगे के विषय में सोच रही है।
व्याख्या- चमेली खाना बनाने के लिए लौट आती है। वह गूँगे की स्थिति के बारे में सोचती है। उसका ध्यान चूल्हे की आग पर जाता है। वह सोचती है कि इस आग के कारण ही पेट की भूख मिटाने के लिए खाना बनाया जा रहा है। यही खाना उस आग को समाप्त करता है, जो पेट में भूख के रूप में विद्यमान है। इसी भूख रूपी आग के कारण एक आदमी दूसरे आदमी की गुलामी स्वीकार करता है। यदि यह आग न हो, तो एक आदमी दूसरे आदमी की गुलामी कभी स्वीकार न करे। यही आग एक मनुष्य की कमज़ोरी बन उसे झुका देती है।
(ग) प्रसंग- प्रस्तुत पंक्तियाँ रांगेय राघव द्वारा लिखित रचना ‘गूँगे’ से ली गई है। चमेली इस पंक्ति में गूँगे के विषय में सोच रही है। बसंता ने गूँगे पर चोरी का आरोप लगाया है। चमेली जब पूछती है, तो वह कुछ नहीं कह पाता है। चमेली ऐसे ही चली जाती है।
व्याख्या- जब गूँगा उसकी बात का उत्तर नहीं दे पाता है, तो वह सोचती है कि यह मेरा अपना नहीं है। अतः मुझे इसके बारे में इतना सोचने की आवश्यकता नहीं है। यदि उसे हमारे साथ रहना है, तो उसे हमारे अनुसार रहना पड़ेगा। इस तरह सोचकर चमेली सोचती है कि नहीं तो उसके कुत्तों के समान दूसरा का झूठा खाकर ही जीवनयापन करना पड़ेगा।
(घ) प्रसंग- प्रस्तुत पंक्तियाँ रांगेय राघव द्वारा लिखित रचना ‘गूँगे’ से ली गई है। चमेली इस पंक्ति में गूँगे के विषय में सोच रही है।
व्याख्या- चमेली गूँगे के बारे सोची है कि इस प्रकार के गूँगे पूरे संसार में विद्यमान हैं। ये अपनी बात कहने में असमर्थ हैं। इनके पास कहने के लिए बहुत कुछ है परन्तु अपनी लाचारी के कारण कह नहीं पाते हैं। इनके पास बोलने की शक्ति ही नहीं है। ये न्याय तथा अन्याय के मध्य भेद सरलता से कर सकते हैं क्योंकि इनका ह्दय इस विषय में सोचने-समझने में सक्षम है। ये भी अपने साथ हिंसा करने वाले को जवाब देने की इच्छा और क्षमता रखते हैं। परन्तु उस हिंसा का विरोध नहीं कर सकते हैं। कारण इनके पास आवाज़ नहीं है। जो है, उसका कोई अर्थ नहीं निकलता है। आज यदि देखा जाए, तो समाज में इनके अतिरिक्त और भी गूँगे हैं। वे जीवनभर शोषण गूँगों के समान झेलते रहते हैं, उसका विरोध नहीं करते।
13.निम्नलिखित पंक्तियों का आशय स्पष्ट कीजिए-
(क) कैसी यातना है कि वह अपने ह्दय को उगल देना चाहता है, किंतु उगल नहीं पाता।
(ख) जैसे मंदिर की मूर्ति कोई उत्तर नहीं देती, वैसी ही उसने भी कुछ नहीं कहा।
(ख) चमेली गूँगे से प्रश्न का उत्तर माँगती है लेकिन वह कुछ नहीं बोलता है। चमेली उसकी स्थिति मंदिर में रखे देवता की मूर्ति के समान मानती है। उस मूर्ति के आगे मनुष्य अपने सुख-दुख सब कहता है लेकिन उसे वहाँ से कभी कोई उत्तर नहीं मिलता है। बस यही स्थिति उसके साथ भी है। गूँगे को कुछ भी कहो वह कुछ नहीं कहता क्योंकि उसे कुछ सुनाई नहीं देता है।
14.निम्नलिखित पंक्तियों को अपने शब्दों में समझाइए-
(क) इशारे गज़ब के करता है।
(ख) सड़ से एक चिमटा उसकी पीठ पर जड़ दिया।
(ग) पत्ते चाटने की आदत पड़ गई है।
(क) इशारे बहुत अच्छे करता है।
(ख) अचानक से उसकी पीठ पर एक चिमटा मार दिया।
(ग) झूठा खाने की आदत पड़ गई है।
15.समाज में विकलांगों के लिए होने वाले प्रयासों में आप कैसे सहयोग कर सकते हैं?
समाज में विकलांगों के लिए अनेक प्रकार के सहयोग हो रहे हैं। उनके उत्थान के लिए नौकरी मैं आरक्षण, विद्यालय, कॉलेज़ों तथा बसों में आरक्षण की व्यवस्था की गई है। हमें चाहिए कि उन स्थानों में उन्हें सहयोग दें। उदाहरण के लिए बसों में उनके लिए जो सीटें निर्धारित की गई हैं, विकलांग व्यक्ति के आने पर तुरंत दी जाए। उनका मज़ाक न उड़ाया जाए यदि कोई उनके साथ मज़ाक करे, तो उसे मना किया जाए। उन्हें सामान्य नागरिक की तरह जीने दिया जाए।
16.विकलांगों की समस्या पर आधारित ‘स्पर्श’, ‘कोशिश’ तथा ‘इकबाल’ फ़िल्में देखिए और समीक्षा कीजिए।
विद्यार्थी इस विषय पर स्वयं कार्य करें।
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- Chapter 1 – Idgah
- Chapter 2 – Dopeher Ka bhojan
- Chapter 3 – Torch Bechnewale
- Chapter 5 – Jyotiba Phule
- Chapter 6 – Khanabados
- Chapter 7 – Naye ki janm kundali: ek
- Chapter 8 – Uski Maa
- Chapter 9 – Bharatbarsh ki unnati kaise ho sakti hai?
- Chapter 10 Poem – Kabeer
- Chapter 11 Poem – Surdas
- Chapter 12 Poem – Hasi ki Chot Sapna Darbar
- Chapter 13 Poem – Padmakar
- Chapter 14 Poem – Sandhya Ke Baad
- Chapter 15 Poem – Jaag Tujhko Dur Jana Sab Ankho Ki Asu Ujle
- Chapter 16 Poem – Neend Uchat Jaati Hai
- Chapter 17 Poem – Badal Ko Ghirte Dekha Hai
- Chapter 18 Poem – Hastaksep
- Chapter 19 Poem – Ghar Me Waapsi
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