Class 11 Hindi Aroh NCERT Solutions for Chapter 14 (Updated for 2021-22)

Class 11 Hindi Aroh NCERT Solutions for Chapter 14

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NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh Chapter 14: Overview

Weh Ankhe

“Sumitranandan Pant,” a well-known Hindi poet, wrote the poem. It revolves around a farmer and his woes. A farmer, who was once the pride of this country, is now being mistreated in this agriculture-centric country. The poet wishes to convey that the farmer is in excruciating pain. His pain is seen in his eyes. There was a time when the farmer took pride in his work. Those days, however, are long gone. He’s been shunned from his land.

His young son was battered to death by the recovery agents. To recoup his loan, the lender has auctioned off all he owns. He’s not even bringing his cows with him. He lost his wife to illness. His infant, too, was starving. He’s now left with only his daughter-in-law. She, too, commits suicide after being harassed by the cop. The farmer’s eyes twinkle as he recalls his younger days, but it lasts in a moment.

Since it’s a poem, each line functions as a question. To answer the question, the entire poem must be understood completely. We provide a free ebook that answers any questions that may arise.

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कविता के साथ

प्रश्न 1:

अधकार की गुहा सरीखी
उन आखों से डरता है मन।

(क) आमतौर पर हमें डर किन बातों से लगता है?
(ख) उन आँखों से किसकी ओर संकेत किया गया है?
(ग) कवि को उन आँखों से डर क्यों लगता है?
(घ) डरते हुए भी कवि ने उस किसान की आँखों की पीड़ा का वर्णन क्यों किया है?
(ङ) यदि कवि इन आँखों से नहीं डरता क्या तब भी वह कविता लिखता?

उत्तर-
(क) हमें दुख, पीड़ा और वेदना पहुँचानेवाली बातों से डर लगता है।
(ख) किसान की सूनी, अँधेरे की गुफा जैसी आँखों की ओर संकेत किया गया है।
(ग) कवि को उन आँखों में भरा हुआ दारुण, दुख, गरीबी, अभाव और सूनापन देखकर भय लगता है।
(घ) कवि के मन का भय वास्तव में उसको किसान से होनेवाली सहानुभूति है। किसान का वर्णन भी कवि इसी उद्देश्य से करता है कि समाज किसान की पीड़ा को जाने और उसे समझकर किसान की दशा सुधारने के लिए कुछ कार्य करे।
(ङ) डर ही पीड़ा का अनुभव है, यदि वह न होता तो उद्देश्य के अभाव में कवि कविता नहीं लिख पाता।

प्रश्न 2:
कविता में किसान की पीड़ा के लिए किन्हें जिम्मेदार बताया गया है?
उत्तर-
कविता में किसान की पीड़ा के लिए जमींदार, महाजन व कोतवाल को जिम्मेदार बताया है। जमींदार ने षड्यंत्रों से उसे जमीन से बेदखल कर दिया। उसके कारिदों ने किसान के जवान बेटे की पीट-पीटकर हत्या कर दी। महाजन ने मूलधन व ब्याज की वसूली के लिए उसके घर, बैल, गाय तक नीलाम करवा दिए। आर्थिक अभाव के कारण इलाज न करवा पाने की वजह से किसान की पत्नी मर गई। कोतवाल ने अपनी वासना की पूर्ति के लिए उसकी पुत्रवधू को शिकार बनाया। पीड़ा एवं लज्जा के कारण उसकी पुत्रवधू ने आत्महत्या कर ली। समाज उस पर होने वाले अत्याचारों को मूक दर्शक बनकर देखता रहा।

प्रश्न 3:
‘पिछले सुख की स्मृति आँखों में क्षणभर एक चमक है लाती’-इसमें किसान के किन पिछले सुखों की ओर संकेत किया गया है?
उत्तर-
जब किसान के पास प्राणों से लहलहाते प्यारे खेत थे, बैलों की जोड़ी, गाय, जवान बेटा, स्त्री, पुत्री, पतोहू सबसे भरा-पूरा घर-बार था तो वह सुखी था। खेत की हरियाली को एक-एक तिनका किसान के जीवन की हँसी-खुशी था। जवान बेटा उसकी आँखों का तारा था। बैलों की जोड़ी थी और उजली गाय जो उसकी पत्नी के अलावा किसी को दूध नहीं निकालने देती थी। ये सब किसान के सुख भरे दिन थे। इन बातों से उसका मन सुखी रहता था; आज इनमें से कुछ भी उसके पास नहीं है, केवल स्मृतियाँ शेष रह गई हैं।

प्रश्न 4:
संदर्भ सहित आशय स्पष्ट करें-

(क)
उजरी उसके सिवा किसे कब
पास दुहाने आने देती?
(ख)
घर में विधवा रही पतोहू
लछमी थी , यद्यपि पति घातिन,
(ग)
पिछले सुख की स्मृति अखिों में
क्षण भर एक चमक है लाती,
तुरत शून्य में गड़ वह चितवन
तीखी नोक सदृश बन जाती।

उत्तर-

(क) संदर्भ-प्रस्तुत काव्यांश पाठ्यपुस्तक आरोह भाग-1 में संकलित कविता ‘वे आँखें’ से लिया गया है। इसके रचयिता सुमित्रानंदन पंत हैं। इन पंक्तियों में महाजनी अत्याचार से पीड़ित किसान की उजरी गाय की दुर्दशा का वर्णन किया गया है।
आशय-कवि बताता है कि किसान का अपनी गाय के साथ विशेष लगाव था। गाय भी उससे अत्यधिक स्नेह रखती थी। वह उसके बिना किसी और को दूध दूहने नहीं देती थी। नीलामी के बाद उसने दूध देना बंद कर दिया।
(ख) संदर्भ-प्रस्तुत काव्यांश पाठ्यपुस्तक आरोह भाग-1 में संकलित कविता ‘वे आँखें’ से लिया गया है। इसके रचयिता सुमित्रानंदन पंत हैं। इन पंक्तियों में किसान के बेटे की हत्या का दोषी उसकी पुत्रवधू को बताया जाता है। यह नारी पर होने वाले अत्याचारों की पराकाष्ठा है।
आशय-किसान के घर में सिर्फ विधवा पुत्रवधू बची थी। उसका नाम लक्ष्मी थी, परंतु उसे पति को मारने वाली कहा जाता था। समाज में विधवा के प्रति नकारात्मक रवैया है। कसूर न होते हुए पुत्रवधू को पति घातिन कहा जाता है।
(ग) संदर्भ-प्रस्तुत काव्यांश पाठ्यपुस्तक आरोह भाग-1 में संकलित कविता ‘वे आँखें’ से लिया गया है। इसके रचयिता सुमित्रानंदन पंत हैं। इन पंक्तियों में, कवि ने भारतीय किसान के भयंकर शोषण व दयनीय दशा का वर्णन किया है। ।
आशय-किसान जब पिछले खुशहाल जीवन को याद करता है उसकी आँखों में एक क्षण के लिए प्रसन्नता की चमक आ जाती है, परंतु अगले ही क्षण जब वह सच्चाई के धरातल पर सोचता है, वर्तमान में झाँकता है तो उसकी नजर शून्य में अटककर गड़ जाती है, वह विचार शून्य होकर टकटकी लगाकर देखता है और नजर तीखी नोक के समान चुभने वाली हो जाती है।

कविता के आस-पास

प्रश्न 1:
किसान अपने व्यवसाय से पलायन कर रहे हैं। इस विषय पर परिचर्चा आयोजित करें तथा कारणों की भी पड़ताल करें।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।

अन्य हल प्रश्न

● लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1:
‘वे आँखें’ कविता का उददेश्य बताइए।
उत्तर-
यह कविता पंत जी के प्रगतिशील दौर की कविता है। इसमें विकास की विरोधाभासी अवधारणाओं पर करारा प्रहार किया गया है। युग-युग से शोषण के शिकार किसान का जीवन कवि को आहत करता है। दुखद बात यह है कि स्वाधीन भारत में भी किसानों को केंद्र में रखकर व्यवस्था ने निर्णायक हस्तक्षेप नहीं किया। यह कविता दुश्चक्र में फैसे किसानों के व्यक्तिगत एवं पारिवारिक दुखों की परतों को खोलती है और स्पष्ट रूप से विभाजित समाज की वर्गीय चेतना का खाका प्रस्तुत करती है।

प्रश्न 2:
किसान के रोदन को ‘नीरव’ क्यों कहा गया है?
उत्तर-
कवि किसान की दयनीय स्थिति का वर्णन करता है। उसकी आँखें अंधकार की गुफा के समान हैं। उनमें दारुण दुख भीतर तक समाया हुआ है। उसकी आँखों में उसी दुख की छाया के रूप में रोने का भाव अनुभव किया जा सकता है। उसका रोदन नीरव है, क्योंकि किसान की आँखों से ही उसकी पीड़ा को महसूस किया जा सकता है। उसके ऊपर हुए अत्याचारों की झलक आँखों से मिलती है।

प्रश्न 3:
किसान की आँखों में किसका अभिमान भरा था?
उत्तर-
किसान की आँखों में कृषक व्यवसाय का अभिमान भरा था। खेत की जमीन पर उसका स्वामित्व था। वे स्वयं को अन्नदाता समझता था। वह दूसरों की सहायता करता था। खेती से ही उनके परिवार का गुजारा होता था।

प्रश्न 4:
पुत्र और पुत्रवधू के प्रति किसान का क्या वृष्टिकोण था?
उत्तर-
किसान पुत्र को अधिक महत्व देता है। उसकी याद के कारण उसकी छाती फटने लगती है तथा साँप लोटने लगता है। वह उसे अपना प्रमुख सहारा समझता था। पुत्रवधू को पुत्र के जीवित रहते हुए ही सम्मान मिलता था। पुत्र के मरने के बाद वह उसे पति घातिनी कहने लगा। वह स्त्री को पैर की जूती के समान समझता है। उसकी मान्यता है कि एक स्त्री जाती है तो दूसरी आ जाती है।

प्रश्न 5:
‘नारी को समाज में आज भी उचित सम्मान नहीं मिल रहा।’-कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
कविता में नारी के प्रति समाज की मानसिकता को प्रकट किया गया है। उस समय समाज में नारी की हीन स्थिति थी। नारी का इलाज तक नहीं कराया जाता था। उसे पैर की जूती के समान नगण्य महत्व दिया जाता था। समाज में आज भी नारी को उचित सम्मान नहीं मिलता। उसे अनेक आर्थिक, सामाजिक अधिकार मिल गए हैं, परंतु उसका स्थान दोयम दर्जे का है। नौकरी करते हुए भी उसे सभी जिम्मेदारी पूरी करनी पड़ती है। उसे ससुर व पिता की संपत्ति में अधिकार नहीं मिलता। यहाँ तक कि कानून के रक्षक भी उसका शोषण करते हैं।

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FAQ (Frequently Asked Questions): NCERT Solutions For Class 11 Hindi Aroh Chapter 14

Why is the Poet Afraid to Look Into “Those Eyes”?

“Those eyes” refer to the eyes of a farmer. The farmer has been maltreated by the landlord, policeman, and lender. He was once a happy man. But now, being mistreated by all these people, having lost all his beloved people and possessions, he has nothing left. His son, his wife, his infant baby girl, all have died. All these events can be seen as the pain in his eyes. And the poet is afraid to look into those painful eyes.

What was the Farmer Proud of?

The farmer was proud of his farming. His land, his ox, they were his pride. He was proud that he is responsible for feeding people. He owned the land he farmed on. He was happy that he made a living out of farming.

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