12वीं के बाद  फॉरेंसिक साइंस  में बनाना है कॅरियर  तो ऐसे करें इसकी तैयारी

फॉरेंसिक साइंस क्या है?  फोरेंसिक विज्ञान आपराधिक जांच और कानूनी समस्याओं के लिए वैज्ञानिक ज्ञान और कार्यप्रणाली का अनुप्रयोग है। फोरेंसिक साइंस एक बहु-विषयक विषय है, जिसमें विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों, जैसे कि रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, भौतिकी, भूविज्ञान, मनोविज्ञान, सामाजिक विज्ञान, इंजीनियरिंग, आदि शामिल हैं। 

फॉरेंसिक साइंटिस्ट कैसे बनें यह कॅरियर उत्कृष्ट संचार कौशल वाले लोगों के लिए है, जो सूक्ष्तम विवरण नोटिस करने की क्षमता रखते हैं। एक फोरेंसिक वैज्ञानिक या एक फोरेंसिक विज्ञान विशेषज्ञ को कुशल होना चाहिए और वैज्ञानिक सबूत और डेटा की व्याख्या करने में रुचि होनी चाहिए।

कोर्स और योग्यता फोरेंसिक विज्ञान में बी.एससी - बैचलर डिग्री प्रोग्राम 3-4 साल का डिग्री प्रोग्राम है। फोरेंसिक विज्ञान में स्नातक पाठ्यक्रम में शामिल होने के लिए आवेदक को अपने हाई स्कूल या डिप्लोमा पाठ्यक्रम में कम से कम 50 प्रतिशत ज़रूरी होता है। 

फॉरेंसिक साइंस में एम.एससी या पीजी डिप्लोमा ऐसे उम्मीदवार विभिन्न विभागों जैसे क्राइम लैब, पुलिस विभाग, और सरकारी एजेंसियों जैसे ड्रग एनफोर्समेंट एडमिनिस्ट्रेशन, हॉस्पिटल लैब, मेडिकल परीक्षक कार्यालय और दवा कंपनियों में वरिष्ठ स्तर की नौकरियां पा सकते हैं। 

फॉरेंसिक साइंस में पीएच.डी. या एम.फिल अगर कोई व्यक्ति लेक्चरर की नौकरी चाहता है या अनुसंधान के लिए जाना चाहता है या फिर फॉरेंसिक विज्ञान में किसी भी प्रकार के उन्नत नेतृत्व के पदों का विकल्प चुनता है तो उसके लिए डॉक्टरेट की डिग्री अनिवार्य है। 

कॅरियर और जॉब्स - फॉरेंसिक साइंस के क्षेत्र में नौकरी के बहुत सारे अवसर हैं। सरकारी क्षेत्र में फोरेंसिक वैज्ञानिकों को लगाया जा सकता है। वे विभिन्न कानून प्रवर्तन एजेंसियों और जांच विभागों जैसे पुलिस, राज्य और केंद्र सरकार और कानूनी प्रणाली की जांच सेवाओं में काम करते हैं। 

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