गाना सिखाए - म्यूजिक एक सेंसरी मोटर और कॉग्नीटिव डेवलपर है। अपने बच्चे को गाना सिखाएं या उसके आगे कोई गाना प्ले कर दें, वो खुद गाता रहेगा। इससे आपके बच्चे का मनोरंजन भी होगा और उसके सोशल एवं इमोशनल स्किल्स भी बेहतर होंगे।
जानवरों की आवाज - बच्चों को जानवर बहुत पसंद होते हैं और वो बड़ी आसानी से उनकी आवाज को पकड़ लेते हैं या उनकी तरह ही आवाज निकालने की कोशिश करते हैं। इससे बच्चे की सीखने की क्षमता बढ़ती है।
पजल आएंगे काम - बच्चे को पजल के सिर्फ दो टुकड़े दें और उसे इसे सुलझाने के लिए कहें। बच्चा छोटा है इसलिए उसे कोई आसान पजल ही दें। इससे बच्चे की याद्दाश्त भी बेहतर होगी और उसके लॉजिकल स्किल्स भी अच्छे हो पाएंगे।
फ्लैशकार्ड का इस्तेमाल करें - बच्चों की याद्दाश्त को बढ़ाने के लिए फ्लैशकार्ड का इस्तेमाल किया जा सकता है। आप अक्षरों से शुरुआत करें और बच्चे को रोज इसकी प्रैक्टिस करवाएं।
पसंद की चीज को छिपा देना - हर बच्चे की कोई ना कोई पसंदीदा चीज होती है जिसे वो अपनी आंखों से ओझल नहीं होने देना चाहते हैं। आप उसकी किसी पसंद की चीज को छिपा दें और बच्चे को उसे ढूंढने के लिए कहें। ऐसी एक्टिविटीज बच्चे की याद्दाश्त को तेज करती हैं और विजुअल मेमोरी में भी सुधार लाती हैं।
ड्रॉइंग करना सिखाएं - बच्चों की इमैजिनेशन को बढ़ाने के लिए आप आर्ट की मदद ले सकते हैं। बच्चे को कलर्स और ड्राइंग पेज दें और उसे अपनी पसंद की चीज बनाने के लिए कहें। उसे कैट या डॉग ड्रॉ करने के लिए कहें। ड्राइंग में चमकीले रंगों का इस्तेमाल करवाएं क्योंकि बच्चों को ऐसे रंग पसंद आते हैं।
दिमागी कसरत - इसके लिए आपको बच्चों के साथ कोई दिमागी खेल खेलना चाहिए. आप प्रश्नोत्तर, शब्दकोश भरना या कोई ऑप्शन सवाल-जवाब का गेम खेल सकते हैं. इससे बच्चों की याददाश्त बढ़ेगी और ज्ञान भी बढ़ेगा.
नई भाषा सीखें - बच्चों के दिमाग को तेज करने के लिए उन्हें कम उम्र में ही दूसरी भाषाओं का ज्ञान कराना सही होता है. जिन बच्चों को कई भाषा आती हैं उनका दिमाग एक ही भाषा आने वाले बच्चे से तेज होता है. इससे बच्चे में और भी योग्यताएं विकसित होती हैं।