सेंट्रल हॉल की महत्ता -
14-15 अगस्त 1947 से पहले इसी हॉल से यूके से भारत में सत्ता का हस्तांतरण इसी हॉल में होता था।
संसद की लाइब्रेरी भी है खास -
संसद की लाइब्रेरी देश की दूसरी सबसे बड़ी लाइब्रेरी है, पहली नेशनल लाइब्रेरी कोलकाता में है।
सेंट्रल हॉल में था देश का
सुप्रीम कोर्ट -
आजादी के बाद नयी सुप्रीम कोर्ट की बिल्डिंग बनने तक सेंट्रल हॉल में ही देश का सुप्रीम कोर्ट चलता था।
संहाथ से लिखा संविधान
सुरक्षित है यहाँ -
संसद की लाइब्रेरी में भारत के संविधान की हिंदी और अग्रेजी में हाथ से लिखी प्रतिलिपि यहां नाइट्रोजन गैस से भरे चैंबर में सुरक्षित रखा गया है।
नया संसद भवन -
मौजूदा संसद भवन के पास ही नए संसद भवन का निर्माण किया जा रहा है। नया संसद भवन वृत्ताकार न होकर एक तिकोनी इमारत होगी।
संसद की पहली मंजिल
पर हैं 144 खंभे -
संसद भवन के पहले तल की बालकनी में 144 पिलर्स हैं।
घोड़े के पैर की संरचना पर बने हैं दोनों सदन -
संसद भवन के दोनों सदन यानि लोकसभा और राज्यसभा हॉल का आकार घोड़े के पैर के आकार का है।