IT सेक्टर में करियर बनाने से पहले जान लें ये जरूरी बातें, मिलेंगे मौके
इनफार्मेशन सिक्योरिटी एनालिसिस -आईटी सेक्टर में कई तरह के जॉब हैं जो इस समय ज्यादा डिमांड में हैं, उसमें से एक है इनफार्मेशन सिक्योरिटी एनालिसिस का जॉब। एक इनफार्मेशन सिक्योरिटी एनालिसिस कंप्यूटर की कमियों को दूर करने के साथ उसे डिस्ट्रीब्यूटेड डेनियल ऑफ सर्विस और रैंसमवेयर जैसे हमलों से बचाते हैं।
करियर ऑप्शन -
किसी भी कंपनी को इस समय सबसे बड़ा खतरा साइबर अटैक का रहता है, इसलिए सभी कंपनियां अपनी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ऐसे एक्सपर्ट लोगों को हायर करती हैं, जो उन्हें ऐसे हमलों से बचाने के साथ उनके कंप्यूटर सिस्टम को सुरक्षा प्रदान कर सकें।
क्लाउड कंप्यूटिंग प्रोफेशनल -
ऑनलाइन सीखनें से लेकर रिमोट वर्क तक हर जगह क्लाउड कंप्यूटिंग नजर आती है, यह न केवल उन्हें बढ़ने में मदद करता है बल्कि अपने प्रतिस्पर्धियों से आगे रहने में भी मदद करता है। इसलिए, हम क्लाउड कंप्यूटिंग बाजार को बढ़ते हुए देख सकते हैं।
करियर ऑप्शन -
इस क्षेत्र में फ्रेशर से लेकर उच्च-अनुभवी स्तर तक के लोग अपना करियर बना सकते हैं। इसके लिए आपको प्रोग्रामिंग भाषाओं, क्लाउड केंद्रित आर्किटेक्चर, प्लेटफॉर्म और एप्लिकेशन, एपीआई और वेब सेवाओं, कंटेनराइजेशन आदि सहित अन्य संबंधित स्किल सीखने की जरूरत है।
प्रोजेक्ट मैनेजर -
आज के समय में ऑफिस के बाहर से ऑनाइन और ऑफाइन कार्य करने वो कर्मचारियों को जोड़े रखना और उनसे कार्य लेना प्रोजेक्ट मैनेजर के स्किल और नेतृत्व को दर्शता है। इसके लिए उम्मीदवार में हाइब्रिड परियोजना प्रबंधन सॉफ्टवेयर विधियों की समझ होनी चाहिए।
करियर ऑप्शन -
किसी भी प्रोजेक्ट का मैनेजर बनना अपने आप में अहिमियत रखता है, वहीं अगर आईटी के क्षेत्र में बात करें तो यहां आने वाले समय में प्रोजेक्ट मैनेजर बनना बेहतरीन विकल्प होगा।
आरपीए प्रोफेशनल का जॉब -
आरपीए या रोबोटिक प्रोसेस ऑटोमेशन इस समय दो गुना तेजी से बढ़ रहा है। इसमें आरपीए डेवलपर, आरपीए विश्लेषक, या आरपीए समाधान आर्किटेक्ट जैसे जॉब प्रोफाइल शामिल हैं। इन विशेषज्ञों का कार्य सॉफ्टवेयर और बॉट्स का उपयोग करके सभी कार्यों को स्वचालित बनाना है।
करियर ऑप्शन -
जॉब देने के समय कंपनियां यह सुनिश्चित करती हैं कि उम्मीदवार को आरपीए प्लेटफॉर्म को सफलतापूर्वक बनाने के लिए माइक्रोसॉफ्ट एनआईटी फ्रेमवर्क के बारे में पता हो। इसमें विजुअल बेसिक, एनआईटी, जावास्क्रिप्ट, एसक्यूएल, सीएसएस, एचटीएमएल और पायथन जैसी विभिन्न भाषाओं में अनुभव भी शामिल हैं।
फुल-स्टैक डेवलपर -
फुल-स्टैक डेवलपर उस व्यक्ति या डेवलपर को कहा जाता है जो फ्रंट एंड और बैक एंड के साथ अलग-अलग लेयर पर कार्य कर सकता हो और वह सॉफ्टवेयर डेवलोपमेंट में माहिर होता है।
करियर ऑप्शन -
इस समय फुल स्टैक डेवलपर की मांग तेजी से बढ़ रही है जिसका मुख्य कारण है सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री में आने वाला परिवर्तन और सॉफ्टवेयर इंजीनियर की बढ़ती संख्या। ज्यादातर सॉफ्टवेयर कंपनी फुल-स्टैक डेवलपर को महत्व देती हैं।
मोबाइल ऐप डेवलपर -
एक मोबाइल ऐप डेवलपर जो आईओएस, एंड्रॉइड और विंडोज सहित विभिन्न मोबाइल प्लेटफॉर्म के लिए उपयोगकर्ता के अनुकूल इंटरफेस का निर्माण करता है। बेहतर मोबाइल ऐप डेवलपर बनने के लिए आपके पास एचटीएमएल, एक्सएमएल, जॉवा स्क्रिप्ट, यूएक्स डिज़ाइन करने का नॉलेज होना चाहिए।
करियर ऑप्शन -
स्मार्टफोन इस समय दैनिक जीवन का हिस्सा बन गया है। जिसके कारण मोबाइल ऐप्स की लगातार मांग भी बढ़ती जा रही है। इसलिए करियर के लिए ऐप डेवलपर बनना बेहतरीन विकल्प है।
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