ये हैं ISRO की उपलब्धियां जिन पर हर भारतीय को गर्व है
इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन यानी ISRO की स्थापना 1962 में हुई थी, लेकिन उस समय इसे इंडियन नेशनल कमेटी फॉर स्पेस रिसर्च यानी INCOSPAR के नाम से जाना जाता था।
INCOSPAR की स्थापना भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू और भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक विक्रम साराभाई द्वारा की गई थी।
साल 1969 में इसका नाम अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए भारतीय राष्ट्रीय समिति से बदलकर इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) रखा गया था।
इसरो ने 22 अक्टूबर 2008 को देश का पहला चंद्र मिशन चंद्रयान-1 सफलतापूर्वक लॉन्च किया था।
इसरो ने 25 सितंबर 2014 को बहुत सस्ते बजट करीब 460 करोड़ रुपये में मंगल ग्रह पर मंगलयान स्थापित किया। इसके साथ भारत ऐसा पहला देश बना गया, जिसने पहले ही प्रयास में यह उपलब्धि हासिल की।
इसरो ने 14 फरवरी 2017 को PSLV के जरिये एक साथ 104 सैटेलाइट लॉन्च कर स्पेस फील्ड में नया कीर्तिमान रचा था। इससे पहले 2014 में रूस ने विश्व में सबसे अधिक 37 सैटेलाइट लॉन्च कर रिकॉर्ड बनाया था।
इसरो ने 11 अप्रैल 2018 को नेवीगेशन सैटेलाइट IRNSS लॉन्च किया। यह स्वदेशी तकनीक से बना नेवीगेशन सैटेलाइट है। भारत के पास अब अमेरिका के जीपीएस सिस्टम की तरह अपना नेवीगेशन सिस्टम है।
इसरो अब भारत में बने एक ह्यूमनॉइड महिला रोबोट ‘व्योममित्र’ को गगनयान मिशन के लिए तैयार कर रही है, जो 2022 में लॉन्च हो सकता है।
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